GST 2.0 आम आदमी के लिए दिवाली का तोहफा या अर्थव्यवस्था की नई दिशा



GST 2.0: आम आदमी के लिए दिवाली का तोहफा या अर्थव्यवस्था की नई दिशा?

आज से लागू, लाखों लोगों को मिलेगी राहत

आज, 22 सितंबर 2025, भारत के आर्थिक इतिहास में एक और महत्वपूर्ण दिन के रूप में दर्ज हो गया है। आज से, वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) का एक नया और बेहतर संस्करण, जिसे 'जीएसटी 2.0' कहा जा रहा है, लागू हो गया है। यह सिर्फ कर दरों में बदलाव नहीं, बल्कि एक ऐसे व्यापक reform की शुरुआत है, जिसका उद्देश्य आम नागरिक की जिंदगी को आसान बनाना और भारतीय अर्थव्यवस्था को नई गति देना है।


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे 'बचत उत्सव' का नाम दिया है, और इसके पीछे की वजह भी साफ है। इस reform के बाद, देशवासियों को सालाना 2.5 लाख करोड़ रुपये तक की बचत होने का अनुमान है। यह बचत सीधे तौर पर उनकी जेब में आएगी, जिससे वे अपनी जरूरतों और इच्छाओं पर खर्च कर सकेंगे।



क्या हुआ है बदलाव?

GST 2.0 का सबसे बड़ा बदलाव कर स्लैब में हुआ है। अब तक चली आ रही 12% और 28% की दरों को हटा दिया गया है। इसकी जगह एक सरल और पारदर्शी two-slab system लागू की गई है, जिसमें 5% और 18% की दरें हैं। इसके अलावा, कुछ बेहद जरूरी और रोजमर्रा की वस्तुओं को पूरी तरह से tax-free कर दिया गया है, जबकि लग्जरी और हानिकारक वस्तुओं पर 40% की एक नई दर लागू की गई है।



किस पर पड़ा सबसे ज्यादा असर?

यह बदलाव सिर्फ एक या दो सेक्टर पर नहीं, बल्कि अर्थव्यवस्था के लगभग सभी महत्वपूर्ण क्षेत्रों पर असर डालेगा।


  • Kitchen budget: आपके घर की रसोई का budget अब काफी हल्का हो जाएगा। पनीर, अल्ट्रा हाई टेम्परेचर (UHT) दूध, घी, मक्खन, नमकीन, बिस्किट, जैम, जेली, चॉकलेट और पास्ता जैसी रोजमर्रा की चीजें अब 5% जीएसटी स्लैब में आ गई हैं। इससे इन चीजों की कीमतें सीधे तौर पर कम हो जाएंगी। उदाहरण के लिए, 650 रुपये का शुद्ध घी अब करीब 45 रुपये सस्ता मिलेगा।


  • Health services: यह एक ऐसा क्षेत्र है जहां सरकार ने सबसे ज्यादा राहत दी है। ज्यादातर दवाइयां, जो पहले 12% जीएसटी के दायरे में थीं, अब 5% पर आ गई हैं। कैंसर, आनुवंशिक और दुर्लभ बीमारियों से जुड़ी 36 महत्वपूर्ण जीवन रक्षक दवाओं को तो पूरी तरह से कर से मुक्त कर दिया गया है। इसके अलावा, हेल्थ और लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसियों पर लगने वाला जीएसटी भी हटा दिया गया है, जिससे स्वास्थ्य सेवाएं हर नागरिक के लिए अधिक सुलभ हो जाएंगी।


  • Automobile sector: अगर आप नई कार या बाइक खरीदने का सोच रहे हैं, तो यह सबसे सही समय है। छोटी कारें (1200cc petrol, 1500cc diesel, 4 मीटर से कम लंबाई) पर जीएसटी 28% से घटकर 18% हो गया है। इसी तरह, 350cc से कम इंजन वाली बाइकें भी सस्ती हो गई हैं। इसका सीधा असर बाजार पर दिख रहा है। मारुति सुजुकी, टाटा मोटर्स और महिंद्रा जैसी कंपनियों ने अपनी गाड़ियों की कीमतों में भारी कटौती का ऐलान किया है। मारुति की एस-प्रेसो अब अपनी प्री-कोविड लॉन्च कीमत से भी सस्ती हो गई है, जिसकी शुरुआती कीमत अब ₹3.49 लाख है।


  • Electronics and home appliances: एसी, टीवी, वॉशिंग मशीन, रेफ्रिजरेटर और डिशवॉशर जैसे महंगे electronic items भी अब 28% से घटकर 18% जीएसटी के दायरे में आ गए हैं। इससे इन चीजों की कीमतें 8-9% तक कम हो सकती हैं। उदाहरण के लिए, 32 इंच से बड़े टीवी और एसी पर अच्छी-खासी छूट मिल रही है।


  • Agriculture and MSME: किसानों को भी इस बदलाव से बड़ा फायदा हो रहा है। ट्रैक्टर, कृषि मशीनरी और उर्वरकों पर कर की दरें कम हो गई हैं, जिससे उनकी लागत घटेगी और आय बढ़ेगी। इसी तरह, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम (MSME) को भी इस reform से बड़ी राहत मिलेगी, क्योंकि कर प्रणाली सरल होने से उनका अनुपालन बोझ कम होगा और उनकी प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ेगी।



अर्थव्यवस्था पर प्रभाव: consumer-based growth

विशेषज्ञों का मानना है कि GST 2.0 से भारतीय अर्थव्यवस्था को एक नई दिशा मिलेगी। एक्सिस सिक्योरिटीज जैसी संस्थाओं का अनुमान है कि इससे उपभोक्ता मांग में तेजी आएगी, जिससे देश की जीडीपी में 0.50% तक की बढ़ोतरी हो सकती है। यह कटौती ठीक त्योहारी सीजन से पहले की गई है, जिससे बाजार में रौनक लौटने की पूरी संभावना है।

अब तक मांग में जो सुस्ती थी, वह इस reform से खत्म हो सकती है। आम लोगों के पास खर्च करने के लिए अधिक पैसा होगा, जिससे उत्पादन बढ़ेगा और रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे।




क्या हैं चुनौतियां?

हालांकि, यह reform बिना चुनौतियों के नहीं है। एक बड़ी चिंता राज्यों के राजस्व में संभावित कमी को लेकर है। सरकार ने राजस्व हानि की भरपाई के लिए एक स्थायी तंत्र विकसित करने की बात कही है, लेकिन इस पर राज्यों के साथ केंद्र का समन्वय और सहमति जरूरी होगी।

विपक्ष भी इस पर सवाल उठा रहा है। कुछ का कहना है कि यह सिर्फ "आंकड़ों का खेल" है और इसका वास्तविक फायदा आम आदमी को नहीं होगा। वहीं, कुछ विशेषज्ञों का तर्क है कि भारत को दीर्घकालिक समृद्धि के लिए सिर्फ उपभोग पर निर्भर रहने के बजाय export strategy पर भी ध्यान देना होगा।


निष्कर्ष

GST 2.0 एक साहसिक और दूरदर्शी कदम है। यह न सिर्फ कर प्रणाली को सरल बनाएगा, बल्कि अर्थव्यवस्था को भी एक नई दिशा देगा। यह आम लोगों के लिए एक बड़ी राहत है और भारत को 2047 तक एक विकसित राष्ट्र बनाने के लक्ष्य की ओर एक महत्वपूर्ण कदम है।

अब यह देखना होगा कि इस reform को कैसे लागू किया जाता है और क्या इसका पूरा लाभ आम आदमी तक पहुंच पाता है। यदि सरकार और उद्योग मिलकर काम करते हैं, तो यह 'बचत उत्सव' भारत की आर्थिक विकास की कहानी में एक नया अध्याय जोड़ सकता है।

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