पटना मेट्रो के दूसरे चरण का काम तेज़, अगले साल तक पूरा होने की उम्मीद




पटना मेट्रो के दूसरे चरण का काम तेज़, अगले साल तक पूरा होने की उम्मीद

पटना: राजधानी पटना के निवासियों के लिए एक अच्छी खबर है। शहर की यातायात व्यवस्था को सुगम बनाने के उद्देश्य से शुरू की गई महत्वाकांक्षी पटना मेट्रो रेल परियोजना के दूसरे चरण का काम तेजी से आगे बढ़ रहा है। पटना मेट्रो रेल कॉरपोरेशन लिमिटेड Patna Metro Rail Corporation Limited (PMRCL)के अधिकारियों ने उम्मीद जताई है कि यदि सब कुछ योजना के अनुसार चलता रहा, तो दूसरे चरण का परिचालन अगले साल यानी 2025 तक शुरू हो सकता है। इस चरण के पूरा होने से शहर के कई नए इलाके मेट्रो कनेक्टिविटी से जुड़ जाएंगे, जिससे लाखों यात्रियों को रोजाना सुविधा मिलेगी।

पटना मेट्रो परियोजना को दो चरणों में विभाजित किया गया है। पहले चरण में दो कॉरिडोर - दानापुर से पाटलिपुत्र बस टर्मिनल (लाइन-1) और पटना जंक्शन से न्यू आईएसबीटी (लाइन-2) का निर्माण शामिल है। इन दोनों लाइनों पर काम पहले से ही प्रगति पर है और कुछ हिस्सों में ट्रायल रन भी शुरू हो चुका है। अब, दूसरे चरण के काम में तेजी आने से परियोजना के समय पर पूरा होने की उम्मीदें और बढ़ गई हैं।

दूसरे चरण में शामिल कॉरिडोर और रूट

पटना मेट्रो के दूसरे चरण में मुख्य रूप से दो नए कॉरिडोर का निर्माण किया जा रहा है, जो शहर के पूर्वी और पश्चिमी हिस्सों को आपस में जोड़ेंगे और घनी आबादी वाले क्षेत्रों को मेट्रो नेटवर्क से लाभान्वित करेंगे।

  • लाइन-3: रामचक बैरिया (दानापुर के पास) से गांधी मैदान वाया बेली रोड: Danapur to Patliputra Bus Terminal Metro यह कॉरिडोर पश्चिमी पटना के महत्वपूर्ण इलाकों जैसे दानापुर, रूपसपुर, राजा बाजार, बेली रोड, और डाक बंगला को गांधी मैदान से जोड़ेगा। यह लाइन उन लाखों लोगों के लिए एक वरदान साबित होगी जो रोजाना इन व्यस्त सड़कों पर यातायात जाम से जूझते हैं। इस कॉरिडोर की लंबाई लगभग 14.5 किलोमीटर होगी और इसमें एलिवेटेड (ऊपरगामी) और अंडरग्राउंड (भूमिगत) दोनों तरह के स्टेशन शामिल होंगे।


  • लाइन-4: नया आईएसबीटी से दीदारगंज वाया पटना साहिब:New ISBT to Deedarganj Metro यह कॉरिडोर पूर्वी पटना के महत्वपूर्ण क्षेत्रों जैसे नया आईएसबीटी, कुम्हरार, पटना साहिब और दीदारगंज को जोड़ेगा। पटना साहिब, जो एक प्रमुख धार्मिक और ऐतिहासिक स्थल है, इस मेट्रो लाइन से आसानी से सुलभ हो जाएगा, जिससे पर्यटकों और श्रद्धालुओं को काफी सुविधा होगी। इस कॉरिडोर की लंबाई लगभग 16.9 किलोमीटर होगी और इसमें भी एलिवेटेड और अंडरग्राउंड स्टेशन बनाए जाएंगे।

निर्माण कार्य की वर्तमान स्थिति

पीएमसीआरएल के अधिकारियों के अनुसार, दूसरे चरण के दोनों कॉरिडोर पर सिविल निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है। एलिवेटेड सेक्शन में पिलर और वायाडक्ट का निर्माण कार्य कई हिस्सों में पूरा हो चुका है, जबकि अंडरग्राउंड सेक्शन में टनलिंग (सुरंग बनाने) का काम भी प्रगति पर है। अधिकारियों ने बताया कि तकनीकी चुनौतियों का सामना करते हुए भी निर्माण कार्य की गति को बनाए रखा गया है और गुणवत्ता पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।

भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया, जो पहले कुछ समय के लिए धीमी पड़ गई थी, अब लगभग पूरी हो चुकी है। सरकार ने परियोजना के लिए आवश्यक भूमि को समय पर उपलब्ध कराने में पूरा सहयोग दिया है, जिससे निर्माण कार्य में और तेजी आई है।

यात्रियों को मिलने वाली सुविधाएँ

दूसरे चरण के पूरा होने से पटना के लाखों यात्रियों को कई तरह की सुविधाएँ मिलेंगी:

  • समय की बचत: मेट्रो ट्रेन से यात्रा करने पर सड़क यातायात की तुलना में काफी समय बचेगा, खासकर व्यस्त समय के दौरान।

  • आरामदायक यात्रा: वातानुकूलित कोच और सुव्यवस्थित स्टेशन यात्रियों को आरामदायक यात्रा का अनुभव प्रदान करेंगे।

  • किफायती परिवहन: मेट्रो का किराया आम लोगों की जेब के अनुकूल होने की उम्मीद है, जिससे यह परिवहन का एक किफायती साधन बनेगा।

  • पर्यावरण अनुकूल: मेट्रो रेल पर्यावरण के अनुकूल परिवहन का साधन है, जो शहर में प्रदूषण के स्तर को कम करने में मदद करेगा।

  • कनेक्टिविटी में सुधार: दूसरे चरण के पूरा होने से शहर के नए इलाके भी मेट्रो नेटवर्क से जुड़ जाएंगे, जिससे समग्र कनेक्टिविटी में सुधार होगा।

परियोजना में आने वाली चुनौतियाँ

हालांकि निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है, लेकिन इस महत्वाकांक्षी परियोजना में कुछ चुनौतियाँ भी हैं जिनका सामना करना पड़ रहा है:

  • भूमिगत निर्माण: घनी आबादी वाले इलाकों में भूमिगत सुरंग बनाना और स्टेशन का निर्माण करना तकनीकी रूप से चुनौतीपूर्ण कार्य है।

  • यातायात प्रबंधन: निर्माण कार्य के दौरान शहर के विभिन्न हिस्सों में यातायात का प्रबंधन करना एक बड़ी चुनौती है, जिससे आम लोगों को असुविधा हो सकती है।

  • समन्वय: विभिन्न सरकारी एजेंसियों और ठेकेदारों के बीच प्रभावी समन्वय सुनिश्चित करना परियोजना की सफलता के लिए महत्वपूर्ण है।

  • सुरक्षा: निर्माण स्थलों पर सुरक्षा मानकों का पालन करना और यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करना सर्वोच्च प्राथमिकता है।

पीएमसीआरएल इन चुनौतियों से निपटने के लिए आधुनिक तकनीकों का उपयोग कर रहा है और विभिन्न हितधारकों के साथ मिलकर काम कर रहा है ताकि परियोजना को समय पर और सफलतापूर्वक पूरा किया जा सके।

भविष्य की योजनाएँ

दूसरे चरण के पूरा होने के बाद, पीएमआरसीएल का लक्ष्य मेट्रो नेटवर्क को शहर के अन्य महत्वपूर्ण क्षेत्रों तक विस्तारित करना है। भविष्य में कुछ नए कॉरिडोर प्रस्तावित हैं, जो पटना को आसपास के कस्बों और उपनगरों से भी जोड़ सकते हैं। इससे न केवल पटना की यातायात समस्या का समाधान होगा, बल्कि यह क्षेत्र के आर्थिक विकास को भी बढ़ावा देगा।

पटना मेट्रो परियोजना न केवल एक परिवहन परियोजना है, बल्कि यह बिहार के विकास और आधुनिकता का प्रतीक भी है। इसके सफल समापन से राजधानी पटना एक विश्व स्तरीय शहर के रूप में अपनी पहचान और मजबूत करेगा। अगले साल दूसरे चरण के परिचालन की शुरुआत पटना के निवासियों के लिए एक बड़ी सौगात होगी, जो उन्हें तेज, सुरक्षित और आरामदायक परिवहन का विकल्प प्रदान करेगी।



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